भारत में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता – एक अनिवार्य लोकतांत्रिक अधिकार
हाल ही में, सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस सांसद इमरान प्रतापगढ़ी के खिलाफ दर्ज एक आपराधिक मामला खारिज कर दिया। उन पर "प्रेम से अन्याय सहने" वाली कविता के माध्यम से वैमनस्य फैलाने का आरोप था। यह फैसला भारतीय संविधान के अनुच्छेद 19(1)(a) में दिए गए अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के महत्व को फिर से स्पष्ट करता है और यह बताता है कि एक स्वस्थ लोकतंत्र में असहमति, व्यंग्य और रचनात्मक अभिव्यक्ति कितनी जरूरी है।